एक समय हुआ करता था जब दादा-दादी, नाना-नानी हर रोज़ अपने नाती-पोतों को कथा - कहानियाॅं सुनाया करते थे। भरा पूरा परिवार देर रात्रि तक हुंकारी भरते हुए कल्पना लोक की कथाओं में डूब जाता था। न जाने कहाॅं गये वो दिन। सब सपनों जैसा लगता है। हम सभी का दायित्व है कि वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों के लिए अपने-अपने शब्दों के माध्यम से कुछ ऐसी बाल कथाऍं लिखें जिससे दुनिया के हर बच्चे को कुछ ना कुछ सिखने को मिले।
नियम
ध्यान रहे आपकी कथा बिल्कुल सरल से सरल शब्दों में होनी चाहिए जो बड़ी ही आसानी से किसी भी बच्चे की समझ में आ जाए
कथा लिखते समय ऐसा महसूस कीजिए कि आप सचमुच में अपने परिवार के किसी बच्चे को सुना रहें हैं।
इस प्रतियोगिता में शब्दों की संख्या का कोई बंधन नहीं है।
आपकी कथा हास्य, मनोरंजक और शिक्षाप्रद होनी चाहिए।
जो भी कथा प्रेषित कर रहे हैं वह आपके द्वारा लिखी होनी चाहिए न कि सुनी-सुनाई।
यदि आपकी कथा किसी और की लिखी हुई पायी जाती है तो स्टोरीमिरर की वेबसाइट पर से तो डिलीट किया जाएगा ही आपको भी प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।
एक कथाकार कितनी भी कथाऍं प्रेषित कर सकता है किन्तु गुणवत्ता के आधार पर आपकी किसी एक सर्वश्रेष्ठ कथा को ही चुना जाएगा।
प्रतियोगिता की समय सीमा समाप्त होने पर आप अपनी कथा प्रेषित नहीं कर पाऍंगे। इसलिए समय रहते ही प्रेषित करें।
आपको अपनी कथा को प्रतियोगिता के पार्टिसिपेट बटन पर क्लिक करके ही प्रेषित करनी है।
मेल, पीडीएफ आदि से अपनी कथाओं को न भेजें। किसी भी दशा में इस प्रकार से भेजी गई रचनाओं को हम स्वीकार नहीं करते और न ही हमारी कोई जिम्मेदारी होती है।
अपनी लिखी कथा में व्याकरण, स्पेलिंग मिस्टेक्स आदि का विशेष ध्यान रखें ताकि पाठकों को पढ़ने में चावल में कंकड़ की तरह प्रतीत ना हों।
पुरस्कार
गुणवत्ता के आधार पर कुल 20 विजेताओं का चयन किया जाएगा।
सभी विजेताओं को डिजिटल विजेता प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
सभी विजेताओं का पोस्टर बना कर स्टोरीमिरर के हिन्दी फेसबुक और इंस्टाग्राम पेज पर पोस्ट भी किया जाएगा।
विजेताओं को स्टोरीमिरर का ₹200 का कूपन कोड यानी कि शॉप वाउचर दिया जाएगा।
सभी प्रतिभागियों को डिजिटल पार्टिसिपेंट्स सर्टिफिकेट और स्टोरीमिरर का ₹100 का कूपन कोड यानी कि शॉप वाउचर दिया जाएगा।