तस्वीर बोल रही है
तस्वीर बोल रही है
तस्वीर बोल रही है
मैं थी एक नारी
जिसको कुचला गया
फिर जला दिया
मैं चीखी चिल्लाई
मगर कोई भी
मदद के लिए नहीं आया
जो आया उसने कुचला
क्यों हम नारी कुचली जाती हैं
क्यों हर सीख
लड़कियों को दी जाती है
क्यों लड़को को सीखााया नहीं
जाता
लड़कियों की इज़्ज़त करना
यह बेरहम समाज़ शोषण के बाद
मोमबत्ती जलाने तो आ जाता है
दो दुख बरे शब्द सुना जाती है
पॉलिटिकल पार्टी
इसका इश्यू बना देती है
पर इन्साफ नही मिलता
तस्वीर बोल रही है
कब मिलेगा इन्साफ
कब तक एक लड़की
सहती जाएगी लड़के
कुचलते जाएंगे
ऐ नारी उठ
मत सह
आज मैं जली हूँ
कल किसी और की बारी आएगी
उठ नारी उठ
इन लड़कों को
सबक सीखा
मत छोड़ इनको
कुचलकर के दिखा
तब इन्साफ मिलेगा
हर उस नारी को जो कुचलाी गई
मत डर मुझे इन्साफ दिला
कुछ करके दिखा
मुझे इन्साफ दिला।