होम
कहानी
कविता
कोट
ऑडियो
प्रतियोगिताएं
पुरस्कार
अकादमी
Buy
About
कम
ज्यादा
Terms & Condition
गोपनीयता नीति"
कोट
Library
Terms & Condition
गोपनीयता नीति"
साइनअप
लॉग इन
फीड
लाइब्रेरी
लिखें
सूचना
प्रोफाइल
उत्सव
चाहतेहोजिंदगीकोसमझनातोपीछेदेखो
करनापड़ताहैसबकोहीश्रम।देताहैपरमात्मासिर्फलकीरे
आना जाना
बसंत
गया गुज़रा
उत्साह
नया पुराना साल
ख़ुशी
पिंजरबंद
दुनियां वैसी
बिता हुआ
हमसफरकुतलाशपरलिखीगईयहमेरीकविताहैं
दूसरा
ना आया
साल दर साल
सपने खुली आँखों के
उमंग
भारत भूमि
सच
Hindi Fantasy Quotes
खुली आँखों से जो स्वप्न देखे हैं, कहो..! बंद करके सच कर दूँ ...
तुम सा कोई और हो तो बताना, मेरे भारत भूमि को तुम जैसा ही ला ...
दुनियां वैसी ही है जैसा हम चाहते हैं
साल तो आता है और लौट जाता है हर साल तुम बताओगे क्या मुझे कब ...
प्रकृति में फिर छाया नव उमंग है नव वर्ष ( नया साल) या बसंत क ...
क्या लिखूँ मैं नया साल वो आकर लौट जाए साल हो आज नया कल कहें ...
00:00
00:00
Download StoryMirror App