“
दुनिया हमने भी देखी है " ये जुमला तो हर बड़े बुजुर्ग को कहते सुना होगा पर कहां सबकी दुनिया एक जैसी होती है, न संघर्ष एक जैसा और न जिंदगी की चुनौतियां एक जैसी। प्रत्येक मनुष्य अपनी समझ के हिसाब से अपना श्रेष्ठ ही देता है,ये अलग बात है कोई सफल हो जाता है तो कोई फेल पर तुलना करना किसी भी मायने में उचित नहीं है।
”