उत्सव नया पुराना साल पिंजरबंद दूसरा ख़ुशी हम सच बीतेदिनयादें गया गुज़रा करनापड़ताहैसबकोहीश्रम।देताहैपरमात्मासिर्फलकीरे दुनियां वैसी चाहतेहोजिंदगीकोसमझनातोपीछेदेखो सपने खुली आँखों के आना जाना ना आया उमंग बसंत हमसफरकुतलाशपरलिखीगईयहमेरीकविताहैं मुद्दत बिता हुआ