Priyanka Shrivastava "शुभ्र"

Abstract

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Priyanka Shrivastava "शुभ्र"

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डायरी का दूसरा पन्ना

डायरी का दूसरा पन्ना

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लॉक डाउन का आज दूसरा दिन है। भयावहता अपनी जगह है। सभी के चेहरे पर एक खौफ अभी भी बना हुआ है। पर कुछ पढ़े-लिखे अनपढ़ लोग घर से बाहर निकलना अपनी बहादुरी समझ रहे।  आज मेरे अपार्टमेंट के नीचे गॉर्ड के पास कुछ लोग बैठे थे और नीचे नहीं आने वाले को डरपोक साबित कर रहे थे। उनकी नजर में नीचे नहीं आना मूर्खता थी। बात निकलती है तो बिना माध्यम के भी आप तक पहुँच ही जाती है।

मैं उन पढ़े-लिखे अनपढ़ से कुछ कहना दीवार पर सर पटकना समझ अपनी प्रतिक्रिया नहीं व्यक्त की न्यूज़ से नई-नई जानकारी मिलती रही। कोरोना से ग्रसित की संख्या हमारे देश में भी बढ़ी है पर अन्य देशों की तुलना में बहुत कम। सरकार आज गरीब लाचार के लिए विभिन्न तरह के पैकेज लेकर आई है। सरकार अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही है कि कोई भी भूखा न रहे और सभी को इस भयावह परिस्थिति में रैनबसेरा मिल सके।

पटना के हनुमान मंदिर न्यास समिति ने भारत सरकार को एक करोड़ रुपया राहत कार्य के लिए प्रदान की है  घर में रह कर समय व्यतीत करना पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं के लिए भी कठिन है। मुझसे जो भी पूछता है समय कैसे व्यतीत हो रहा है मैं कहती हूँ इसे जीवन का सबसे आनंददायक समय समझो समय आप ही व्यतीत हो जाएगा।

 मैं आज कुछ गरम कपड़ों की सफाई कर उसे बंद करने में व्यस्त रही। पति का भी सहयोग मिला।


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