Prahlad mandal

Abstract Inspirational

4.0  

Prahlad mandal

Abstract Inspirational

किस स्वतंत्रता की बात करते हो

किस स्वतंत्रता की बात करते हो

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कल ही की तो बात है जब हमने नया नया फेसबुक अकाउंट बनाया था तो बहुत पहचान के और बहुत अनजाने लोग भी जुड़ने लगे थे और कुछ लोगों से हम जुड़े थे। उसके बाद जो होने लगा मुझे नही लगता है कि हम लड़कियों को सोशल मीडिया में रहना भी चाहिए " दीपाली रास्ते में चलते हुए रूही से ये सारी बातें कही जा रही थी " रूही के साथ भी कुछ दिन पहले ऐसा ही हुआ था जब वो सोशल मीडिया में आई थी और उसने ये सब से परेशान होकर सोशल मीडिया को छोड़ भी दी थी। इसलिए रूही को इन बातों पर चर्चा करना अच्छा लगा और क्यों ना लगता अच्छा जो सुनने वाली थी उसके साथ भी कुछ ऐसा ही वर्ताव हो रहा था सो उसने चिड़चिड़ापन से थोड़े गुस्सैल भाव से बोल उठी, क्या लड़की है तो क्या जीने का अधिकार नहीं है ?, क्या लड़की है तो मुझे आज के समाज के अनुसार चलने का अधिकार नहीं है ? बस कैद खाने के तरह बना कर रख देते हैं जिंदगी हम लड़कियों की!! अरे मुझे भी तो अपने विचारों को रखना होता है,

अरे मुझे भी पता चला ये दुनिया क्या है। बस मित्रता अनुरोध क्या स्वीकार करते जैसे उन्हें लगता है जो उसने शादी के रिश्ता लेकर आये थे और हम उनके रिश्ता मान लिए हो उस तरह से ही इनबॉक्स में मैसेजे करते हैं और दबाव भी डालते हैं कि रिप्लाई दो,। हां बस जरूरत की तो मैसेज करने भी चाहिए और बहुत लोग इनबॉक्स में जरूरत के लिए आते हैं वो ठीक है लेकिन बेवजह मैसेज, भद्दी भद्दी बातें ,जबाव नहीं देने पर इनबॉक्स में काॅल किये जाते हैं। दीपाली के साथ भी कुछ ऐसा हो रहा है जो अभी अभी जितने बातें रूही ने बतायी। हर कोई अपने हिसाब से जीना चाहता है, वो भी इस दुनिया को सोशल मीडिया के जरिए देखना चाहतीं हैं।   सोशल मीडिया बहुत अच्छी बस आप सही नजरिए से देखना शुरू करे और उसका सही उपयोग करें। 


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