नया नौकर
नया नौकर
मेरी बहिन का पुराना नौकर छुट्टी गया तो उसकी जगह दूसरा नौकर आया। बहिन दूध उबलने के लिये चढ़ा कर थोड़ी देर के लिये किसी काम से दूसरे कमरे में गईं ,तो नौकर से कह गईं कि दूध देखती रहना। जब वे थोड़ी देर में लौटकर आयी तो देखा कि दूध उबल कर नीचे गिर रहा है ।नौकर ने गैस तक बंद नहीं की ,ना ही दूध उतार कर रखा । उन्होंने नौकर से कहा कि तुमने देखा नहीं कि दूध उबल रहा है।
नौकर बोला, ‘देख तो रहा हूँ’।
उन्होंने कहा,’फिर दूध उतारा क्यों नहीं? गैस ही बन्द कर देते। ‘
नौकर ने जवाब दिया,’आपने दूध देखने को कहा था’।
बहिन चुप हो गईं, उससे क्या बहस करतीं जिसे कुछ समझ ही नहीं। बहिन ने बताया कि उन्होंने करवाचौथ का व्रत रखा था। तो शाम के बाद से चॉंद निकलने का इन्तज़ार हो रहा था। उन्होंने अँगुली से बाहर की तरफ़ इशारा करके नौकर से कहा कि बाहर जाकर देखकर आओ कि चॉंद निकला या नहीं ।नौकर बाहर जाकर देखकर आया और बोला कि चॉंद नहीं निकला।
बहिन ने फिर उसे बाहर भेजा और कहा ‘चॉंद निकले तो बताना ,वहीं बाहर ही खड़े रहो’। प्रतीक्षा करते करते नौ बज गए पर नौकर ने कोई सूचना नहीं दी। बहिन के लगा कि अब तक तो चॉंद निकल आया होगा, उन्होंने ख़ुद बाहर जाकर देखा ,चाँद निकल आया था।
उन्होंने नौकर से कहा कि तुमने चाँद निकलने के बारे में बताया क्यों नहीं?
नौकर बोला कि ‘मैं तो उधर ही देख रहा था जिस तरफ़ आपने अँगुली से इशारा किया था,दूसरी तरफ़ तो मैनें देखा ही नहीं। ‘
उसकी बुद्धि पर तरस खाने के अलावा बहिन क्या कर सकती थी। कुछ लोगों में समझ बहुत कम होती है यह ज्ञान उन्हें मिला। पर बाद में हँसी भी बहुत आई कि ऐसे भी लोग होते हैं।