अध्यक्ष (हिंदी विभाग) चिरेक इंटरनेशनल स्कूल हैदराबाद |
सोनों की आँखें ताड़ गई उसने कहा बधाई हो ! सोनों की आँखें ताड़ गई उसने कहा बधाई हो !
दादी सोफ़े पर बैठी रामायण देख रही थी, बुदबुदाई भलो करे टीचर जी थारो। दादी सोफ़े पर बैठी रामायण देख रही थी, बुदबुदाई भलो करे टीचर जी थारो।
ईश्वर तक अपनी बात पहुँचा सकता है तो अब सुन भी लो मेरी पुकार। ईश्वर तक अपनी बात पहुँचा सकता है तो अब सुन भी लो मेरी पुकार।
वह सोचने लगी भूख तो अपनी टेम पर लग ही आती है। इसे क्या पता कि कमाई है या नहीं। वह सोचने लगी भूख तो अपनी टेम पर लग ही आती है। इसे क्या पता कि कमाई है या नहीं।
मैं क्या कोई सामान हूँ कि मोलभाव करने आ रहे हैं मैं क्या कोई सामान हूँ कि मोलभाव करने आ रहे हैं
कहते हुए मुँह फेर कर सोने क प्रयास करने लगा वह। कहते हुए मुँह फेर कर सोने क प्रयास करने लगा वह।
इतने में ही बूढ़ी साइकिल टायरों से बंधी खटखटाती आ रही थी इतने में ही बूढ़ी साइकिल टायरों से बंधी खटखटाती आ रही थी
वजह बेवजह तनाव का लबादा ओढ़े घूमते रहते हैं।आखिर मन ने कहा, क्या निराश हुआ जाए ? वजह बेवजह तनाव का लबादा ओढ़े घूमते रहते हैं।आखिर मन ने कहा, क्या निराश हुआ जाए ?
दफ़्तर के दरवाज़े पर रिश्वत के नजराने शुरू हुए। चपरासी से बॉस तक ओहदे के हिसाब से वजन बढ़ने लगा । दफ़्तर के दरवाज़े पर रिश्वत के नजराने शुरू हुए। चपरासी से बॉस तक ओहदे के हिसाब से...
प्रेम का एक ही रूप मिलेगा। फूलवारी तो होगी पर फूल नहीं। अपने तो होंगे अपनापन नहीं। अधिकार तो होगा कर... प्रेम का एक ही रूप मिलेगा। फूलवारी तो होगी पर फूल नहीं। अपने तो होंगे अपनापन नही...