शहादत के बारे में मै क्यां लिखू
वो तो खुद एक कहानी बयां कर देती है।
राय बदलती रहती है अक्सर लोगों की
उनका तो काम ही है कहना
तुम किस - किस को खुश करोगे
जिंदगी का दूसरा नाम है चलते रहना।
हर मुश्किल का टिकना हो दुश्वार
जब तक एकजुट रहे परिवार
मेरे दिल की एक छोटी सी इच्छा ये भी है
कि मेरी माँ के दिल की हर इच्छा पूरी हो
इच्छा बस इतनी सी है मेरी
आँख मेरी खुले और सामने सूरत हो तेरी
अच्छा खाओ, अच्छा पियो, व्यायाम करो
स्वस्थ रहो, मस्त रहो, हँसते रहो
तन रहेगा मस्त, मन भी रहेगा मस्त
यदि अपने अंदर से करोगे सारी बुराइयाँ ध्वस्त
किताबों से दोस्ती बड़ी कमाल की होती हैं
ना रुकने देती हैं ना झुकने देती है
बस एक दिन जिंदगी सँवार देती हैं
किताबों से मुहब्बत कुछ इस क़दर हुई
कि फिर कभी किसी और की ज़रूरत महसूस नहीं हुई