https://youtu.be/OR6LG9eu3Bw isme dekhe
Share with friendsसुंदर मन की आवाज मन थोड़ा सा विनम्र और विस्वाश बन। कभी मौका मिले तो उन बेसहारो ,लाचारों का सहारा बन। @jiya gupta
नम्र है बहुत विनम्र सी मुश्कान तुम्हारे होठो ही सरस सी, विनीता तुम ऐसे ही रहना बदलना नही इस बदलते वक्त सी। @ jiya gupta
सायद , हम यू खास नही थे लेकिन हमारी मुलाकात यू इत्तिफाक नही थी , जब हमने बढ़ाया हाथ तो वो दोस्ती यू मजबूरी नही थी। @jiya gupta
एक अनजान की एक अनजान से कुछ बात हुई विनीता हमारी तुम्हारी फिर मुलाकात हुई। कुछ हमने कहा कुछ तुमने सुना सच एक प्यार से भरा ये दोस्ती का उपहार मिला।। @jiya gupta
हर रंग की रूप है इनके रूप में ही हास्य है, अजनबी सी रहती है इनके न में भी समझो हाँ है ----- @ jyoti gupta for arpita