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Share with friendsसमुदाय कुछ टुकड़ी बट जाती कुछ हिस्सों में, बन जाता उसका एक मुखिया, कहलाता वो समुदाय है, जिसके हिस्से की वहीं है दुनिया, उनके सुखों का दाता है वो, उनके दुख का साथी वो मुखिया।
नम्रता इंसानियत और नम्रतापूर्वक व्यवहार, व्यक्ति की पहचान है, जिसे खोकर इंसान न तो सुखी है, न ही उसका कोई सम्मान, इसलिए प्यार की वाणी बोलिए, करो व्यवहार में मधुरता का संचार, जीवन होगा तुम्हारा खुशहाल।
नफरत प्रेम, करूणा और नम्रता, तीनों गुण जिसमें हो विघमान, वो इंसान जग में बड़ा ही वीर, क्योंकि भरी पड़ी यहां नफरत है, जिससे हो रहा इंसान का ही विनाश।
अभिनय हम तो कागज के ढेर समान, नाच रहे उस ईश्वर के हाथ, अभिनय करता कठपुतली रूपी इंसान, अपने कर्म का भोग भोगने आता है।
अभिनय करता वो कलाकार, और अभिनय करता ईश्वर के हाथ इंसान, दोनों में सिर्फ इतना अंतर है, कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करता है, और इंसान अपने कर्मों के फलानुसार अभिनय करता है।
युद्ध सत्य और अहिंसा से जीतो हर जंग, क्योंकि फैलाते हो यह विध्वंस, युद्ध से भला किसका भला होगा, चारों तरफ विनाश ही विनाश होगा, इसलिए युद्ध से नहीं शांति से करो विचार, चारों तरफ शांति का वातावरण रहेगा।
परम्परा परम्पराएं हमारी संस्कृति का आधार है, और हम परम्पराओं का करते सम्मान है, जब तक सांसों में सांस है, तब तक परम्पराओं के प्रति हमारा, सम्मान कामयाब है और रहेगा।
लिंग भेदभाव की नीति जन्म ली धरा पर, लोगों ने जिसको आधार बना, स्त्री और पुरुष को विभिन्न किया, लिंगभेद की नीति को बढ़ावा मिला, और देश का अस्तित्व धूमिल हुआ।