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Share with friendsना मैं उजालों से मोहब्बत करती हूं ना मैं अंधेरों से शिकवा करती हूं जानती हूं मुश्किलें हैं ज़िन्दगी में मगर जब भी सांस लेती हूं उस रब का शुक्रिया करती हूं A_tale_for_you Shreeya Dhapola
मेरे पंखों में उड़ान अब भी बाकी है मेरे हिस्से का आसमान अब भी बाकी है इरादों को तोड़ना तो लोगों का काम है मेरे ख्वाबों की परवाज़ अब भी बाकी है A_tale_for_you ©Shreeya Dhapola
वक़्त लगता है गिरकर फिर संभलने में वक़्त लगता है खुद को बदलने में खामोशियों को लेकर कब तक बैठें वक़्त लगता है अपनी आवाज़ बनने में A_tale_for_you ©Shreeya Dhapola