Prasanna Koppar
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इतना रुला दिया.. के आंखों से बेहने को पानी नही फूल सा था.. पर अब मुलायमता की निशानी नही

तुम्हारी मुस्कुराहट एक जानलेवा अदा है.. तुम्हारी ख़ामोशी एक जानलेवा सज़ा है

प्रेम.. प्रेम वह जादू है जिससे हर बीमारी ठीक हो सकती है

मेरी सबसे बुरी टीचर.. ज़िंदगी रही है, हमेशा मार मार कर पढ़ाया है उसने

बेचैनियां शायद दोनो तरफ हैं.. इन बेचौनियों के बीच वक़्त का पर्दा है।

कुछ कहने से डरता हूं.. कहीं तुम्हारा दिल दुखा न दूं


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