I'm PARNEESH and I love to read StoryMirror contents.
ख्वाब अँधा है मेरा या शहर से नूर गायब है जिस राह बढ़ता है ज़ख़्मी लौट आता है
हर लम्हे को मोहब्बत से जिया इज़हार वाले का लुत्फ़ लिया अनकहे का अश्क पिया तरह तरह का इश्क़ किया