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बन प्रथम गुरु सांसारिक परिवेश में हाथ पकड़ कर प्रवेश उसका करती, बन प्रथम गुरु सांसारिक परिवेश में हाथ पकड़ कर प्रवेश उसका करती,
निकल जाते हैं हताशा के छाई गब्बर से मचलते हुए जज़्बातों को मिला देते हैं उनके मुहाने स निकल जाते हैं हताशा के छाई गब्बर से मचलते हुए जज़्बातों को मिला देते हैं उनके...
सुंदरतम रूप नारीत्व का मां कहलाता है। सुंदरतम रूप नारीत्व का मां कहलाता है।
मतदान की शक्ति है असीम, जिससे बनती हर बार देश की तस्वीर नवीन। मतदान की शक्ति है असीम, जिससे बनती हर बार देश की तस्वीर नवीन।
साथ चाहिए जो तूफान पर भी खड़ा रहे पकड़ के मेरा हाथ, साथ चाहिए जो तूफान पर भी खड़ा रहे पकड़ के मेरा हाथ,
हर क्षण जंग है रंग मंच नहीं यह रण है, अपने से हारे वह कैसा नर है? हर क्षण जंग है रंग मंच नहीं यह रण है, अपने से हारे वह कैसा नर है?
आधुनिकता की अंधी दौड़ में हो रहे अपंग पहाड़, आधुनिकता की अंधी दौड़ में हो रहे अपंग पहाड़,
भीख इतनी मांगता हूं तुझसे मां! बाल श्रम के अभिशाप से बचा लो। भीख इतनी मांगता हूं तुझसे मां! बाल श्रम के अभिशाप से बचा लो।
समन्वय दांपत्य जीवन में अगर है लाना, होगा पराठा को तो भूल जाना। समन्वय दांपत्य जीवन में अगर है लाना, होगा पराठा को तो भूल जाना।
पोषण मां से शिशु को है मिलता, भ्रूण शिशु रूप में विकसित करता। पोषण मां से शिशु को है मिलता, भ्रूण शिशु रूप में विकसित करता।