ख्वाबों का आशियाना कोई गिराने पर तुला है मां की दुआओं का असर है हर बार बच जाता हूं ख्वाबों का आशियाना कोई गिराने पर तुला है मां की दुआओं का असर है हर बार बच जात...
पिछले जन्म की कुछ जान पहचान है तेरी मेरी..! पिछले जन्म की कुछ जान पहचान है तेरी मेरी..!
जाग उठी यों जैसे नींद से कोई सोता संभालता कोई अगर जो अपना होता जाग उठी यों जैसे नींद से कोई सोता संभालता कोई अगर जो अपना होता
चलता हूँ आगे , हो के मगन कब मिल जाएँ मेरे भगवन चलता हूँ आगे , हो के मगन कब मिल जाएँ मेरे भगवन
प्रकृति के हर रंग-ढंग देखते, दादा-दादी थे ,अलाव सेंकते। प्रकृति के हर रंग-ढंग देखते, दादा-दादी थे ,अलाव सेंकते।
आम का नाम लुभाए सबको- फलों का है सचमुच राजा, आम का नाम लुभाए सबको- फलों का है सचमुच राजा,
क्योंकि आधा करने पर भी धनिया के बीज अंकुरित हो जाते। क्योंकि आधा करने पर भी धनिया के बीज अंकुरित हो जाते।
खुश हो कभी उछलते कभी कूदते कभी डरकर उससे, आंख मूंदते खुश हो कभी उछलते कभी कूदते कभी डरकर उससे, आंख मूंदते
तारों- सा टिमकें हम। कोयल- सा कूकें हम।। तारों- सा टिमकें हम। कोयल- सा कूकें हम।।
मंद-मंद मुस्काता ऐसे। चाँद चमकता अंबर जैसे।। मंद-मंद मुस्काता ऐसे। चाँद चमकता अंबर जैसे।।
भालू भागा बंदर के पीछे, भालू के पीछे बच्चे भागे। भालू भागा बंदर के पीछे, भालू के पीछे बच्चे भागे।
रहती है अपनी ही दुनिया मे गम सो रही है एक नन्हीं परी।। रहती है अपनी ही दुनिया मे गम सो रही है एक नन्हीं परी।।
कागज़ की हम नाव बनाते फिर नालियों में तैराते जाते कागज़ की हम नाव बनाते फिर नालियों में तैराते जाते
आज अनायस ही बचपन यादें आँखो में उभर आई। आज अनायस ही बचपन यादें आँखो में उभर आई।
काश कोई लौटा दे वो बचपन के दिन, जब घंटों खेलते थे भोजन,पानी बिन। काश कोई लौटा दे वो बचपन के दिन, जब घंटों खेलते थे भोजन,पानी बिन।
जरुरतमंदों की मदद को हाथ बढ़ने लगें तब समझो की बच्चे तरक्की करने लगे। जरुरतमंदों की मदद को हाथ बढ़ने लगें तब समझो की बच्चे तरक्की करने लगे।
भीख इतनी मांगता हूं तुझसे मां! बाल श्रम के अभिशाप से बचा लो। भीख इतनी मांगता हूं तुझसे मां! बाल श्रम के अभिशाप से बचा लो।
स्कूल के पहले दिन जाने का जोश कुछ अलग होता, न जाने कैसा भूत सवार रहता, स्कूल के पहले दिन जाने का जोश कुछ अलग होता, न जाने कैसा भूत सवार रहता,
सावन आया झूम के कोयल मोर पपीहा बोलें सब ओर हरियाली छाई मन मन में मस्ती छाई। सावन आया झूम के कोयल मोर पपीहा बोलें सब ओर हरियाली छाई मन मन में मस्...
कीचड़ में जैसे कमल है खिलता, "नीरज" वैसे ही अपने बच्चों से मिलता ॥ कीचड़ में जैसे कमल है खिलता, "नीरज" वैसे ही अपने बच्चों से मिलता ॥