आदत
आदत
जब दिया न्यौता संकट को घर जाकर
फिर क्या लाभ है अब यूँ पछताकर
जोखिम से पहले जानो उसकी लागत
बैल को स्वयं बुलाने की छोड़ो आदत
सम्पन्न होकर भी कंगाली का हाल
है तुम्हारे ही ये कुकृत्यों का कमाल
हो नशे में चूर न खूब उड़ाओ दावत
बैल को स्वयं बुलाने की छोड़ो आदत
संयम रखो खुद पर न उसको तुम छोड़ो
करो सीमा का मान न उसको कभी तोड़ो
जवानी में न तैश में माँ बाप से बगावत
बैल को स्वयं बुलाने की छोड़ो आदत।