आँख ही से सब.....
आँख ही से सब.....
सामने होकर न फ़रमाया किये
आँख ही से सब वो बतलाया किये
तू नहीं आया मगर सुन चारगर
देखने बीमार सब आया किये
है न मुमकिन दीद की ख्वाहिश अगर
क्यूँ मुस्सविर दिल को भरमाया किये
तितलियाँ भी हार बैठीं ए चमन
जब गुलों के पास वो आया किए
सुन रहे थे बच्चों की गुस्ताखियाँ
जाने वो किस बात मुस्काया किये