आज़ादी
आज़ादी
आज़ादी जो आज हमारे पास है,
आम नहीं बच्चों ये बड़ी ही ख़ास है।
किसी की सौगात नहीं संघर्ष की निशानी है,
स्वतन्त्रता तो सेनानियों की दी हुई कुर्बानी है।
नेता जी और सरदार का यह विशवास है,
आजादी जो आज हमारे पास है,
आम नहीं -बच्चों ये बड़ी ही खास है।
देशभक्तों की जान गयी है आजादी को पाने में,
ज़िंदगियाँ खप गई दिन सैंतालिस का यह लाने में।
वीर भगत और चन्द्रशेखर की यह आस है,
आज़ादी जो आज हमारे पास है,
आम नहीं बच्चों ये बड़ी ही ख़ास है।
वीरों की शहादत का तिरंगा ये वरदान है,
तीन रंग इस झंडे की हम सब की पहचान है।
तांत्या टोपे व लक्ष्मीबाई की यह साँस है,
आज़ादी जो आज हमारे पास है,
आम नहीं बच्चों ये बड़ी ही ख़ास है।
छिपा हुआ इस आजादी में हर भारतवासी का बलिदान है
रक्त से उनके ही तो सींचा हुआ प्यारा ये हिंदोस्तान है।
बापू की अहिंसा का ही तो ये विशवास है
आज़ादी जो आज हमारे पास है
आम नहीं बच्चों ये बड़ी ही ख़ास है।
जिनकी बदौलत आज़ादी का सपना ये साकार है
ऐसे वीर सपूतों को बच्चों बारम्बार प्रणाम है
खुदी राम की फाँसी का ये इंसाफ है,
आज़ादी जो आज हमारे पास है,
आम नहीं बच्चों ये बड़ी ही ख़ास है।
जिनके दम पे बुझी हमारी ये आज़ादी की प्यास है,
भारत को पहनाना हमें उनके सपनों का लिबास है।
बाबा कांशीराम की सौगन्ध का ये एहसास है,
आज़ादी जो आज हमारे पास है,
आम नहीं बच्चों ये बड़ी ही ख़ास है।
गंगा, जमुना और सरस्वती के पानी से जो मीठा है
आजादी का मतलब बच्चों अमृत का इक छींटा है।
ऊधम सिंह के बदले का ये आभास है,
आज़ादी जो आज हमारे पास है,
आम नहीं बच्चों ये बड़ी ही ख़ास है।
फूलों सा प्यारा न्यारा हमारा भारत देश है,
इन फूलों के माली भी तो एक नहीं अनेक हैं।
राजगुरु और सुखदेव ने त्यागे हुए इसकी खातिर अपने श्वास हैं,
आज़ादी जो आज हमारे पास है,
आम नहीं बच्चों ये बड़ी ही ख़ास है।
हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख ईसाई सबने अपने रक्त से इसको पाला है,
इसकी खातिर दशकों से देशभक्तों ने पिया वीरगति है प्याला है।
बच्चों बूढ़ों और जवानों ने बिछाई अपनी लाश है,
आज़ादी जो आज हमारे पास है,
आम नहीं बच्चों ये बड़ी ही ख़ास है।
चुकाना बच्चों हमें हर वीर पुरुष का एहसान है,
आजादी दिलवाने वाले वे सचमुच में महान है।
उनके हर इक कथन पे बच्चों आज हमें नाज़ है,
आज़ादी जो आज हमारे पास है,
आम नहीं बच्चों ये बड़ी ही ख़ास है।