बारिश का मौसम।
बारिश का मौसम।
कहते जब भी वृक्ष फूलों और फलों से भरते,
उस मौसम में है मेरे नाम के लड़के पैदा होते।
वो बारिश का मौसम कहते जुलाई ही महीना,
जब मल्होत्रा परिवार में जुलाई में जन्म लिया।
बचपन से ही बहुत ज़्यादा शरारती था बच्चा,
ख़ासकर दादी जी की नाक में मैं दम करता।
जामुन के पेड़ पर रोज़ चढ़कर जामुन तोड़ता,
तंग हो कर दादी जी ने कमरे में बंद कर दिया।
दो बार बचपन में सुमित भाई गुमशुदा हुआ है,
एक बार तीन साल तो दूसरी बार चार साल मैं।
बहुत क़िस्मत वाले बच्चों में से एक बच्चा हूँ मैं,
तीन चार बार मरने से भी बाल-बाल बचा हूँ मैं।
सच झूठ बोलने से बहुत-बहुत ज़्यादा डरता हूँ,
ईमानदार वफ़ादार रह के काम करना चाहता हूँ।
स्वयं पे नियंत्रण और नरम स्वभाव का इंसान हूँ,
दोस्ती के लिए अपना सब कुर्बान कर सकता हूँ।