बेटी हिन्दुस्तान की
बेटी हिन्दुस्तान की
देश के लिए कफन पहना है जिंदगी देश पे लुटानी है।
देश के वासियों पे कुर्बानी खुद की देनी है।
बेटी हिन्दुस्तान की कहलाऊँगी खुद कफ़न लिपटकर लेट जाऊंगी।
देश के लिए अब जीना है प्यार बस उस पे लूटना है।
बांध कफ़न चलते हैं, रक्षा करने को बुलंद खुद को कर जाना है।
फना होना है मेरे हिन्दुस्तान पे। बस यही सपना अब सजाना है।
झांसी की रानी जैसी बहादुरी दिखलाना है
जी भर कर प्यार मेरे देश के वासियों पे लुटाना है।
बेटी हूं हिन्दुस्तान की मैं बेटी हिन्दुस्तान की।
हाथ में थामे बंदूक आखरी सांस कर करना है।
मुस्कान कर ये दुनिया छोड़ जाना है।
आंखों में देश की एकता देख आपस में प्यार की निगाहे भर जानी है।
मैं बेटी हिन्दुस्तान की कहलाऊँगी।