चाय और तुम
चाय और तुम
गम-ए-दर्द मिटा देता है एक कप चाय का प्याला
जवाँ दिलो की धड़कन है ख़ुशियों का है रखवाला
चाय लवर बहुत मिलेंगे ,मिलेगा नही कोई मुझसा
सुबह-शाम नही शब-ए-चाँद में भी हूँ चाहने वाला
होठो से जब जब छुआ सिप-सिप बजाकर पिया
दो घुट उतारे गले से नीचे हुआ मैं और मतवाला
कभी मौक़ा मिले तो चाय पर आना जरूर
बेवज़ह ही सही थोड़ा तो मुस्कुराना जरूर
आज भी गर प्यार करती हो मेरे हमनवा
राज न रखना दिल की बात बताना जरूर
चाय पीते वक्त मिटा, देता हूं सारा गम
जब होते हो पास तुम और होते है हम
बना हूँ मै सिर्फ तेरी चाहत का दिवानां
तू मेरी माशूका है और मैं हूँ तेरा सनम
सुबह सुबह खुशबू आते ही लगता है झूम लू
दिन बन जाती है यार जब सुबह तुझे चुम लू
और क्या क्या तेरी तारीफ में क़सीदे पढ़े हम
इतना है कहना तू मुझे कबूल मैं तुझे कबूल लू
चाय का नशा शराब से भी ज्यादा
तेरा नशा चाय से भी कही ज्यादा
पर चुनने का वक्त आएगा तो मैं
चाय को ही चुनूँगा क्यो की उसमे
होगा मिठास तुझसे भी कहि ज्यादा
हर दिन की सुरुवात है - चाय
मेरे दिल की धड़कन है - चाय
मेरी पहली मोहब्बत है - चाय
ख़ुशबू से महका घर है - चाय
स्वाद में मीठा फीका है - चाय
हर एक दिल में बसा है - चाय
हर शाम की जरूरत है - चाय
बहुत ज्यादा Hot है - चाय
मुझे तो बेहद पसंद है - चाय
अगर वो चाय पत्ती तो हम शक्कर
और पानी ये संसार हैं ।
दूध भी घुल मिला जाए तो मिठास
खुशबू से बढ़ता प्यार है।।
पहली मुलाक़ात में जो होता है वो प्यार होता है।
चाय से सुरु प्यार और चाय से इंतिजार होता है।।
चाय की प्याली और तेरे होठो को लाली को
मिस तो बहुत करते है ।
जब जब प्याला हाथो में लेते है सिप-सिप
बजा-बजा कर पिया करते है।।
चाय के कप से उठते धुँए में तेरी शक़्ल
नजर आती है।
खो जाते है तेरे ख़्यालों में इस कदर की
मेरी चाय ठंडी हो जाती है।
Miss करता हूँ उसे बहुत अब वो जब नहीं है।
चाय तो है पर उस चाय की मिठास वैसी नहीं है।।
उफ़ ये चाय ग़ज़ब का स्वाद छोड़ जाती है।
मीठा मीठा प्यार प्यार सा एहसास छोड़ जाती है।।
हमें यारो उनके हाथ की चाय बहुत ही भाती है।
क्यू की जनाब वो चाय के साथ मूड भी बनाती है।।
उनकी याद मुझे यारों दो टाइम बहुत सताती है।
क्यू की जनाब वो कड़क चाय गजब बनाती है।।
हर दिन की सुरुवात और
हर शाम की जरुरत हो...
दिल दिमाग़ जिगर नश नश में
समाई ऐसे तुम मूरत हो...
चाय से मोहब्बत कर के तो देखो जनाब एक बार
दुनिया भर का टेंसन गायब न हो जाये तो कहना
एक कप चाय के लिए , हम मेहमान बन जाते है।
वो बुलाये या न बुलाये, फिर भी हम चले जाते है।।
सर्दी की बारिश ने यह कैसा हमको पैग़ाम दिया ।
उठा जाए ना बिस्तर से हमसे ऐसा जुक़ाम दिया ।।
गले मे खरास थी और स्वाश नली हो गई थी बन्द
तब मसाले वाली चाय ने हमे थोड़ा आराम दिया ।।
दिल के दबे जज्बातों को एक बार बाहर लाना चाहिए
सुनी सड़क पर चाय टपरी मिल गई और क्या चाहिए
खुशी से कुछ पल तेरे साथ जीना चाहता हूँ
तेरे लबो पर लगी चाय को पीना चाहता हूँ।।
मिलेंगे जब जब तक चाय के साथ ढ़ेरो बातें होगी ।
ख़ामोश नही रहेंगे हम चाय के साथ मुलाकातें होंगी ।।
चाय और तुम साथ साथ आते हो
मेरी चाहत को और तुम बढ़ाते हो
गम भूल जाने की एक ही दवा है
चाय जिसे लेकर करीब लाते हो।