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Manju Saini

Inspirational

4  

Manju Saini

Inspirational

चिंतन गुरु का

चिंतन गुरु का

2 mins
351


जब-जब करूँ मै चिंतन का गुरु का 

प्रथम तेरा चेहरा ही सामने आया है 

नमन तुम्हें हे ! प्रथम गुरु "माँ" 

तुमने, ही मुझे ज्ञान सिखाया है 


सच्चाई का मार्ग दिखाकर मुझे

जीवन का पूर्ण सार बताया है 

करूँ कैसे वर्णन तेरी महिमा का 

तुने  ही तो मुझे बोलना सिखाया है


सादर और नर्म लहज़े के साथ ही

सबका सम्मान करना सिखाया है 

जब अंधकार ने घेरा मुझको तब तब

बनकर रवि तुमने अपना प्रकाश फैलाया है 


हर कर सभी दुःख मेरे सारे 

मेरे चारो और खुशियों को फैलाया है 

जब-जब करूँ मै चिंतन गुरु का 

तब पिता का चेहरा सामने आया है 


ऊँगली पकड़कर पिता ने मुझको 

आत्मनिर्भरता से चलना सिखाया है 

जब- जब पथ पर लगी मुझे ठोंकर 

पिता ने स्वयं उठना सिखाया है 


मेरे सिर पर अपना हाथ रखकर 

हर कदम पर मेरा विश्वास बढ़ाया है 

जब - जब चिंतन करूँ मै गुरु का 

मेरे हर शिक्षकों का चेहरा सामने आया है 


हर विषयों से अवगत कराकर मुझे

मेरा  सम्पूर्ण ज्ञान बढ़ाया है 

भेदभाव ना रखकर किसी से 

सभी से मिलजुल कर रहना सिखाया है 


तराश कर मेरे सभी गुणों को 

हमें एक अच्छा इंसान बनाया है 

नमन है उन सभी गुरुओं को 

जिन्होंने मेरे जीवन को रोशन बनाया हैं


आपने मेरा मार्गदर्शन कराया है 

पाकर मैंने ऐसे गुरुजनों को 

अपने जीवन को धन्य बनाया है

मंजु का जीवन धन्य बनाया हैं।


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