Day-26 विवाह
Day-26 विवाह
विवाह एक बड़ा जिम्मेदारी का रिश्ता
जीवन प्रीत और विश्वास, सहयोग से भरा नाता
जिसमें कभी हो लड़ाई-झगड़ा कभी मनुहार
कभी गलतियों की अनदेखी, तो कभी करना पड़े सुधार
मनाए साथ-साथ दिवाली, संग खेले होली
हो कड़वे कभी बोल, कभी तो दूसरे पल प्यारी-सी बोली
पति पत्नी का दिया बाती सा साथ हो
सुख दुःख में हो साथ निभाने वाला अथाह प्यार
लाल सिंदूर, महावर, बिंदिया और गले का हार
पिया के नाम ये पत्नी के सोलह श्रींगार
लग जाते पत्नी के रूप में चार चाँद
जब पति करे तारीफ और बदले में दे प्यार
पति पत्नी मे होता अटूट विश्वास ये पावन बंधन से रहेगा आपस में प्यार
जैसे हो राधा कृष्ण का सच्चा प्यार
ये अटूट बंधन है शिव पार्वती सा प्यारा
जैसे रिश्ता हो आसमा से धरा का हमेशा
निश्चल समर्पण से मिट जाता अधूरापन
प्रेम वहां हो जाता सदा के लिए अमर
चाहत की गागर पर शक का कंकर होता बेअसर
जहाँ पति हो गीत वहाँ पत्नी कहलाये ताल और सुर
जहाँ पति हो दिल वहां पत्नी कहलाये धड़कन
एसा जन्मों-जन्मों का साथ बरकरार
पति पत्नी में न हो तकरार
रहे केवल समर्पण, त्याग, सम्मान और एक दूसरे के लिए अथाह प्यार
विवाह एक गीत जैसे दो रागों का
ये रिश्ता नहीं दो लोगों का ये रिश्ता दो परिवारो का
विवाह एक बंधन दो जिस्मों का
विवाह एक संगम दो आत्माओं का
वृद्ध अवस्था में रखे पति पत्नी एक दूसरे का ध्यान और पाए अपने बच्चों का प्यार
ये विवाह से सम्भव है जहा ना हो अकेलापन, मिले अपनत्व की भावना
विवाह से बने एक परिवार जैसे नैया और पतवार
मुश्किल समय में मिले जहां एकता, हर किसी को हो एक दूसरे की चिंता
जहाँ मिले अपनों का प्यार
एसा पवित्र बंधन कहलाये विवाह जहां दो परिवारो की हो अपनी संस्कृति ,रीति-रिवाज
जो कल थे पति पत्नी वो आज माता-पिता बन अपने बच्चो को दे अच्छे संस्कार