ना हो आज़ादी मेरे हिस्से ना सही लेकिन फाँसी का तो अब मुझे तख़्त दो !" ना हो आज़ादी मेरे हिस्से ना सही लेकिन फाँसी का तो अब मुझे तख़्त दो !"
हम अपने कमरे में, जिन्दगी का यह सफर, इसी तरह कट रहा है। हम अपने कमरे में, जिन्दगी का यह सफर, इसी तरह कट रहा है।