गेंदा पुष्प
गेंदा पुष्प
गेंदा
वसन्त का आगमन है,
माघ का महीना है,
प्रकृति में सुषमा फैली है।
मेरी बगिया में पुष्प बहार है।
अनगिनत गेंदा पुष्प खिले,
कितने कोमल सुकुमार ,
वासंती रंग लिये
हँसते मुस्कराते अम्लान।
गुलाब होता तो
कभी का मुरझा जाता
पर गेंदा पुष्प ताजगी लिये
खिल खिल करता मुस्काता।
गेंदा खिला प्रसन्न,
अविरल निष्काम,
चतुर्दिक आह्लाद से,
मन को सुंदर बनाता।
गेंदा सिखाता है
हमेशा ख़ुश रहना,
सर्दी गर्मी सहना
फिर भी खिले रहना।