गंगा
गंगा
कब तक धोऊं पाप मैं, गंगा करे सवाल।
हे भारत के वीर तुम,मत छोड़ो इस हाल।।
पतित पावनी जाह्नवी, गंगा करे सवाल।
आई थी मैं तारने, करने को खुशहाल।।
धोकर सबके पाप को, देव नदी बेहाल।
गंगा मैली हो गई, गंगा करे सवाल।।
कब तक धोऊं पाप मैं, गंगा करे सवाल।
हे भारत के वीर तुम,मत छोड़ो इस हाल।।
पतित पावनी जाह्नवी, गंगा करे सवाल।
आई थी मैं तारने, करने को खुशहाल।।
धोकर सबके पाप को, देव नदी बेहाल।
गंगा मैली हो गई, गंगा करे सवाल।।