इतना है शक्ति
इतना है शक्ति
उसकी दंतहीन मुँह की
मुस्कान से
कठोर चट्टानी ह्रदय भी
पिघल जायेगा
डगमगाते कदम और
अचानक गिरने को देखकर
ग़ुस्सेवाले भी हँसते है
नवजातक की इतनी है शक्ति
समुद्र के ज्वर से लड़ते हैं
दौड़ रही नदी का पथ बदलते हैं
पहाड़ तोड़कर पथ बनाते है
तूफान भी मंद वायु में बदलते है
युवाओं की इतनी है शक्ति
खुद कष्ट सहकर
लोगों को शांति प्रदान करती है
पथभ्रष्टों को पथ दिखलाते हैं
गिरे हुए लोगों को
आसमान में उठाते है
वृद्धजनों के आशीर्वाद में
इतनी है शक्ति