माधवी
माधवी
1 min
500
जब निशान माधवी का
चाँद पर भी नज़र आया
सरहदों ने मार्ग छोड़ा
पाताल भी थर्राया
बाहुबली सा हौसला लिया
चट्टानों से टकराया
जब निशान माधवी का
चाँद पर भी नज़र आया
क्रोध ने जब जकड़ लिया
अपनों ने मुँह मोड़ लिया
समय ने पंख लगाया
ख्वाहिशों का दिया जलाया
जब निशान माधवी का
चाँद पर भी नज़र आया
अपना प्यारा आशियाना
गैरों के लिए छोड़ आया
सीने में ज़ज़्बा जगाया
तब दुनिया को समझ आया
जब निशान माधवी का
चाँद पर भी नज़र आया