मेहनतकश इंसान सुनो
मेहनतकश इंसान सुनो
हाथों में लकीरें होती हैं
कुछ गाती हैं कुछ रोती हैं
कुछ तो इस पर इतराते हैं
कुछ कुढ़ते ही रह जाते हैं।
पर, मेहनतकश इंसान सुनो
इसकी परवाह न करते हैं
जिसकी बदौलत हाथ फफोले
उनका जीवन धन्य बनाते हैं।
दिन-रात की जिसको खबर नहीं
मिट्टी को सोना बनाते हैं
जिससे सजा बंजर धरती को
फसलें वह विविध उगाते हैं।
उस सोने का भी किस्मत वाले
हल्का भाव लगा ले जाते हैं
पर, मेहनतकश इंसान सुनो
इसकी परवाह न करते हैं।