महिला दिवस 2021!
महिला दिवस 2021!
है अदभुत है आज की नारी की कथा,
जिसमे छुपी है अनेकों अलौकिक गाथा।
सभी रिश्तो से परे
अपनी नयी पहचान बनायी,
अपने बलबूते अपनों में
नयी जान है भर आयी।
निभाते हुए सारे बन्धन
नहीं निकाली उफ़ अपने मुख से,
यमराज ने भी सावित्री के समक्ष
खाया खूब खौफ उस दिन से।
ज़िन्दगी के हर मोड़ पे,
की दोस्ती मुसिबतों संग,
ढाला खुद को स्वइच्छा
अपनों के जरूरतों के रंग।
खड़ी रही अपनी दुनिया में क्षितिज बनके,
हर चुनोतियो को पार करके,
चल पड़ी है अपने सपनो के जहाज पे तनके।
प्यार और ममता की परिभाषा
हमने उनसे है जानी,
अपने घुमी हुई हिम्मत को
हमने उनसे पहचानी।
दोस्तों, उनके अनेको रूप के आगे
क्या दे उनको एक नाम,
उनके साहस और बलिदानी के आगे
बस कर सकते है सत सत प्रणाम।