मियाँ मिट्ठू
मियाँ मिट्ठू
हर तरफ अन्धेरा है , कोई प्रकाश की
क्या बात करे ।
बधिरों की महफ़िल है , कोई काव्य का
क्या पाठ करे ।
मियाँ मिट्ठू सभी हैं , कोई तारीफों में
क्या समय बर्बाद करे ।
हर तरफ अन्धेरा है , कोई प्रकाश की
क्या बात करे ।
बधिरों की महफ़िल है , कोई काव्य का
क्या पाठ करे ।
मियाँ मिट्ठू सभी हैं , कोई तारीफों में
क्या समय बर्बाद करे ।