पाबंदी
पाबंदी
चलो उस पाबंदी की चाबी को
समंदर में फेंक आते है
जो हमारे वजूद को
क़ैद करती है
फ़िर आज़ाद होकर
हौसलों की उड़ान भरते है
जाके उस फलक पर
एक नया आशियाँ बनाते है
जहाँ क़ैद न कर पाएं
कोई पिंजरा हमें
और बेफिक्र होकर
प्रकृति के साथ जीते है।
चलो उस पाबंदी की चाबी को
समंदर में फेंक आते है
जो हमारे वजूद को
क़ैद करती है
फ़िर आज़ाद होकर
हौसलों की उड़ान भरते है
जाके उस फलक पर
एक नया आशियाँ बनाते है
जहाँ क़ैद न कर पाएं
कोई पिंजरा हमें
और बेफिक्र होकर
प्रकृति के साथ जीते है।