फटी जींस का फैशन ( 65 )
फटी जींस का फैशन ( 65 )
तन ढका रहे हमारा
इसलिए कपड़े पहनते है,
पर.......!
पश्चमीकरण का छाता
पागलपन की दौड़ देखो,
संस्कार अभाव में आज का युवा
अजीबोगरीब करता फैशन देखो,
रुपये देकर फ़टे कपड़े खरीदता देखा,
घुटनों और जांघों को सबको दिखता है,
जरा-सी लज्जा- शर्म नहीं
फटे जींस को फैशन समझता है,
छोरीयां और गोरीयां भी
फटे जींस की शौकीन है,
क्या ये औरतें
माँ के आँचल का प्यार
और
संस्कर दे पाएंगी ?
आने वाली पीढ़ियों को
क्या संस्कार दे पाएंगी,
फटा जींस न मिले घर
लाकर कैंची चला देते है,
घुटने-जांघे दिखला के ही दम लेते है,
जब पश्चिम वाले हिंद का पहनवा
और सनातनी अपना रहे है,
फिर तुम क्यों
उनकी छोड़ी संस्कृति को
अपनाने में लगे हो,
क्या फ़टे कपड़ों के पहनने का
शौक ऐ फैशन मानते हो !