पित्र पक्ष
पित्र पक्ष
1 min
248
रह जाते अधूरे उनके आस,
निगल जाते असमय जिन्हें काल।
पंद्रह दिनों का पित्र पक्ष महान,
करते जिसमें पूर्वजों का सम्मान।
मनुष्यों को मिला ये प्रिय वरदान,
तृप्त कर पृत्रों को पाएं आशीर्वाद।
अन्न जल से करके पिंडदान,
तर्पण से बढा़एं पित्रों का मान।
याद कर उन्हें हम करते दान,
कागा को खिला करते पूर्ण श्राद्ध।