प्राइवेट नौकरी
प्राइवेट नौकरी
प्राइवेट नौकरी एक झांसा है
इसमें कुछ भी नहीं खासम खासा है
जितना देते है वेतन
उससे ज्यादा खून है चूसते
आदमी करे भी तो क्या करे
मजबूरी में प्राइवेट नौकरी भी कर जाता है।
करोगे अगर प्राइवेट नौकरी
हार्ड के रोगी हो जाओगे
चमचागिरी नही करने पर
नौकरी से बाहर हो जाओगे
टारगेट का प्रेशर झेलना पड़ जाता है
मजबूरी में प्राइवेट नौकरी भी कर जाता है।
टारगेट के प्रेशर से रात में नींद नहीं आएगा
कल बॉस को क्या जवाब दूं दिमाग हिल जायेगा
ऑफिस का टेंशन से घर में भी टेंशन हो जायेगा
लाख करो प्रयास जीवन में जीवन दुखी रह जाता है
मजबूरी में प्राइवेट नौकरी भी कर जाता है।
जब भी कोई पूछे तो, बतलाते प्राइवेट बैंक का अफसर हूं
लेकिन वो नही जनता टेंशन और मजबूरी का दफ्तर हूं
लाख करु प्रयास खुश रहने का खुश रह नही पाता हूं
जितना भी कर लो अच्छा, बॉस का भूख मिट नही पाता है
मजबूरी में प्राइवेट नौकरी भी कर जाता है।
पत्नी सोचे मेरे सैंया बहुत बड़े अफसर है
मेरे दुखों को कोई नही समझ पाता है
सुबह से लेकर शाम तक किच किच रहता है
अच्छा करु तो भी, और अच्छा करने को डांट पड़ता है
मजबूरी में प्राइवेट नौकरी भी कर जाता है।
जीवन दुभर हो जायेगी ऐसी नौकरी से
परिवार दूर ही जायेंगे ऐसी नौकरी से
पत्नी और बच्चे भी दूर हो जाते है
शादी शुदा होकर भी अकेला जीवन गुजारना पड़ जाता है
मजबूरी में प्राइवेट नौकरी भी कर जाता है।
मजबूरी में प्राइवेट नौकरी भी कर जाता है।।