प्यार के हैं हज़ार रंग
प्यार के हैं हज़ार रंग
प्यार के हैं हज़ार रंग
नहीं देखता है जाति के बेरंग,
प्यार की ना जुबान है न कोइ शर्त
बस दिलों को जोड़ता है।
प्यार करा नहीं जाता हो जाता है,
प्यार के हैं हजार रंग
नहीं देखता है जाति के बेरंग।
प्यार दोस्ती भी है और दिल्लगी भी,
भर देता है इस बेरंग दुनिया में रंग,
रंग देता है दुनिया में प्यार की मृदंग।