रूह में जगह तब।
रूह में जगह तब।
सुनो तुम रूह में जगह तब दोगे,
तुम जब दिल में हमें जगह दोगे।
और दिल में जगह तब तुम दोगे,
जब अच्छे से हमें जान जाओगे।
और हमें अच्छे से जानना है तो,
एक बार सुन मिलना ज़रूरी है।
बिना मिले निर्णय लेना सही ना,
पहले कुछ दिन मिलना सही ही।
रूह पाक-साफ़ सभी की होती,
ये कभी भी नापाक तो न होती।
ये तन के अंदर मैल छिपा होता,
ये तन रूह से सदा उलट करता।