शुभकामनाएं
शुभकामनाएं
रिद्धि सिद्धि साथ ले, गणेश जी पधारिये,
ग्रंथ हाथ में धरे, विधान को विचारिये
देव हो विराजमान, आसनी बिछी हुई,
थाल है सजा हुआ कि भोग तो लगाइये
प्रार्थना कृपा निधान, कष्ट का निदान हो,
भक्ति भाव हो भरा कि ज्ञान ही प्रधान हो
मूल तत्व हो यही समाज में समानता,
हे दयानिधे! दया ,सुकर्म का बखान हो
ज्ञान दीजिए प्रभु अहं न शेष हो हिये
त्याग प्रेम रूप रत्न कर्म में भरा रहे
नाम आपका सदा विवेक से जपा करें,
आपका कृपालु हस्त शीश पे सदा रहे।