पाप का भागी कौन है यह कहना तो मु्श्किल है । पाप पुण्य भी समझ न आये भेदभाव कुछ समझ न आये । पाप का भागी कौन है यह कहना तो मु्श्किल है । पाप पुण्य भी समझ न आये भेदभाव कुछ...
पाप, पुण्य और कर्म, ये फ़साना बहुत हुआ, गंगा में डुबकी का, किस्सा पुराना बहुत हुआ...! पाप, पुण्य और कर्म, ये फ़साना बहुत हुआ, गंगा में डुबकी का, किस्सा पुराना बहुत हुआ...
चाल तो साबित-क़दम दिखती हैं मेरी मगर दिमाग लड़खड़ाया रहता है. चाल तो साबित-क़दम दिखती हैं मेरी मगर दिमाग लड़खड़ाया रहता है.