तेरा रंग लाल और मैं सफेद क्यों
तेरा रंग लाल और मैं सफेद क्यों
एक मूली ने गाजर से पूछा
तेरा रंग है लाल और मैं सफेद क्यों ?
तेरे जीवन में रंग क्यों ?
मेरे जीवन में रंग क्यों नहीं ?
तेरा रंग लाल और मैं सफेद क्यों ?
गाजर बोला लाल रंग का मैं हूं इसलिए मैं वीरता का प्रतीक
मेरा रंग लाल है, जो जीवन को सवारता है,
इसीलिए भगवान ने मुझे लाल रंग दिया है,
तू तो सीधा-साधा सा है इसीलिए तेरा रंग सफेद है,
मूली बोला माना तेरी बात सच है
परंतु मेरे जैसे ही तो दिखता है तू,
तेरी लोग प्रशंसा करता है,
तेरी मिठाई खाते है,
तुझ से दिखने वाले प्राणी से कतराते है ।
तेरा रंग लाल और मैं सफेद क्यों ?
कभी-कभी मैं सोचता की सफेदी तो शांति का प्रस्ताव है,
फिर भी लोग मुझ से कतराते है,
खाने मे तो केवल ही पराठे बनाते है,
मुझे तो लगता है सफेदी जानी शांति,
जीवन में एक कड़वाहट जो सरल से नहीं मिल सकता,
देख लो तुम्हें लाल रंग का घमंड है,
लाल रंग तो खून का भी प्रतीक होता है,
यह तो बहाना बहुत ही आसान है,
पर शांति पाना और शांति का सुख
भोगना बहुत ही मुश्किल होता है,
इसीलिए तेरा रंग लाल है और मैं सफेद हूं।।
-----------------------------------------------प्रीतम कश्यप------------------------------------------------