टास्क 1 यादे
टास्क 1 यादे
तु आज भी है मेरे
जिगर का टुकड़ा
कभी कभी नाराज होकर
रहता है उखड़ा-उखड़ा
तेरे हुस्न के दिवाने
बहुत है आज भी
पर तेरा चााहनेवाला
मैं हूं आज भी
तुझे देखना रोज एक
नया अनुुभव है
तेरी हँसी में घुल-मिल जाना
एक नया सिलसिला है
तुझे पाकर हमने
खुशियाँ है पायी
तू है हर दुख की
मीठी सी दवाई।