मैं बनी तुलसी मैं बनी तुलसी
इंसान कहाँ खो गया।कहीं दिखायी देता ही नहीं आजकल। जिधर देखो भीड़ ही भीड़दंगा ही दंगा। इंसान कहाँ खो गया।कहीं दिखायी देता ही नहीं आजकल। जिधर देखो भीड़ ही भीड़दंगा ही ...