तुम मेरी, वो एक ज़िद हो।
तुम मेरी, वो एक ज़िद हो।
हर ज़िन्दगी की, एक ज़िद होती है,
तुम मेरी, वो एक ज़िद हो।
हर ज़िद की, मगर एक ज़द होती है,
पर तुम, बेज़द और बेहद हो।
हर राह पर तुम साथ-साथ, साँस-सांस हो,
हर राह की, मंज़िल एक हासिल होती है,
तुम मेरी, वही एक हासिल हो।
हर हासिल की, एक ज़िद होती है,
तुम मेरी, वो एक ज़िद हो।
तुम भोर हो खुशी की, तुम तो दिलनशी हो,
हर खुशी की, वो एक तासीर होती है,
तुम मुझमे, वही एक तासीर हो।
हर तासीर की, एक ज़िद होती है,
तुम मेरी, वो एक ज़िद हो।
तेरे नाम से पंकज महके, तुम एहसास हो,
हर पंकज की, वो एक खुशबू होती है,
तुम मेरी, वही एक खुशबू हो।
हर खुशबू की, एक ज़िद होती है,
तुम मेरी, वो एक ज़िद हो।