उनका सुन्दर मुखमंडल
उनका सुन्दर मुखमंडल
शिव सारा जग व्याप्त ,
भजें जय शिव ओंकारा।
शैल सुता वामांग ,
जगत है शिवमय सारा।
शिव हैं आदि अनंत,
जगत के पालनहारा।
रहें सुरक्षित भक्त ,
सदा असुरों को मारा।
किया हलाहल पान ,
कर्म जग हित में सारे।
शिव सारा जग व्याप्त ,
चन्द्रमा सिर पर धारे।
गले लपेटे सर्प ,
कान में बिच्छू कुंडल।
डमरू और त्रिशूल ,
निरखता है भूमंडल।