ये अद्भुत-अनमोल रिश्ते रहने लगते हैं सदा आस-पास। ये अद्भुत-अनमोल रिश्ते रहने लगते हैं सदा आस-पास।
अभ्यास से तुम साध सकते हो, धरती, हवा औ' गगन को। अभ्यास से ही बांध सकते हो, अभ्यास से तुम साध सकते हो, धरती, हवा औ' गगन को। अभ्यास से ही बांध सकते हो,
मानव से मनु बना सके ये विद्यालय से आस जीवन यात्रा नहीं सरल है इसका है विश्वास मानव से मनु बना सके ये विद्यालय से आस जीवन यात्रा नहीं सरल है इसका है विश्वास
है निरंतर अभ्यास ही जिसका वही सफल... है निरंतर अभ्यास ही जिसका वही सफल...
लिखने के लिए ही क्वारांटाइन में लिखी कविता, लिखने के लिए ही क्वारांटाइन में लिखी कविता,
पल-पल पग-पग बढ़ती जाऊं रखूँ ध्यान समय का अहसास। पल-पल पग-पग बढ़ती जाऊं रखूँ ध्यान समय का अहसास।