मृदु भावना की अनगिनत लहरें मन के सागर में उफनती भीगे सुर से भाव संवेदन मे स्वर लहरी के बन्द दरवाज़... मृदु भावना की अनगिनत लहरें मन के सागर में उफनती भीगे सुर से भाव संवेदन मे स्व...
मन को समझाया करती थी ! ऑंसू को ना कभी बहने दिया , व्यथा ह्रदय को ही सहने दिया , अब मैं आज ख़ुशी... मन को समझाया करती थी ! ऑंसू को ना कभी बहने दिया , व्यथा ह्रदय को ही सहने दि...
होती जब भी बात विरह की साँसें मेरी अटका जाती होती जब भी बात विरह की साँसें मेरी अटका जाती
पिता की छांव में घर के बगिया की शान है बेटियां , अपने कुल की पहचान है बेटियां, पिता की छांव में घर के बगिया की शान है बेटियां , अपने कुल की पहच...
साथी सुनाऊं तुमको आओ चलो चलें। साथी सुनाऊं तुमको आओ चलो चलें।
बिन मांगे अर्पण करती ममता मां प्रकृति का आभार है बने हुए सब एक कोख से यह धरती ही बिन मांगे अर्पण करती ममता मां प्रकृति का आभार है बने हुए सब एक कोख से य...