समाज की वर्तमान परिस्थिति को दिखाती हुई एक रचना समाज की वर्तमान परिस्थिति को दिखाती हुई एक रचना
मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारे या चर्च देखी हर कोने में दुनिया के जा कर देखा जो देखी न हो ऐसी कोई ... मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारे या चर्च देखी हर कोने में दुनिया के जा कर देखा ज...
दिमाग के ख्यालो में जंग लग जाये| दिल का टुकड़ा पत्थर हो जाये| मन में उठ रहे तूफ़ान थम जाये| दिमाग के ख्यालो में जंग लग जाये| दिल का टुकड़ा पत्थर हो जाये| मन में उठ रहे...
हैं हौसले बुलंद, गर चाहूँ चांद छू लूँ। बाँध रखे जो मुझको, ऐसी नहीं बनी जंजीर।। हैं हौसले बुलंद, गर चाहूँ चांद छू लूँ। बाँध रखे जो मुझको, ऐसी नहीं बनी जंजीर।...
न जाने क्यों हर घड़ी मैं अपनी ही शख़्सियत से उलझता फिरता हूँ। न जाने क्यों हर घड़ी मैं अपनी ही शख़्सियत से उलझता फिरता हूँ।
बस एक सफ़र ही सच्चा है, क्यों तुझको ये पहचान नहीं, ये जग लोग सब मोह माया है, यहां बचा कोई इंसान नहीं.... बस एक सफ़र ही सच्चा है, क्यों तुझको ये पहचान नहीं, ये जग लोग सब मोह माया है, यहां...