मैं मचलती हूँ सात सुर-सी बजती वीणा-सी, कोई नश्तर नहीं मेरे वज़ूद के आसपास... मैं मचलती हूँ सात सुर-सी बजती वीणा-सी, कोई नश्तर नहीं मेरे वज़ूद के आसपास...
उदीयमान कुछ ऐसे-जैसे मंदिर में दिव्य ज्योति। उदीयमान कुछ ऐसे-जैसे मंदिर में दिव्य ज्योति।